Latest Best Gulab Shayari in Hindi 2025 | प्यार गुलाब फूल शायरी Rose Day Shayari

 

Gulab Shayari - दोस्तों अगर किसी लड़की को प्रोपोज़ करना पडे तो हम लड़के लड़कियों के रोज या गुलाब दे कर प्रोपोज़ करने से लड़किया जल्दी हा बोल देती है अगर रोज अगर रोज डे के दिन दिया जाये तो लड़किया को बहुत ही अच्छा लगता है और अगर साथ में कोई शायरी भी बोल दी जाये तो क्या बात हो जाये हमें आपके लिए ऐसे ही शानदार शायरी लेकर आते रहेंगे, ऐसे शायरी के लिए आप हमारे साथ बने रहे 




जिन्दगी कुछ यूँ उलझ कर रह गई
जैसे काँटों के बीच उलझे हो गुलाब


तितली से दोस्ती न गुलाबों का शौक़ है
मेरी तरह उसे भी किताबों का शौक़ है


आशिक़ों के महबूब के पैरो की धुल हूँ 
हाँ मैं एक लाल गुलाब का फूल हूँ 




सात फरवरी को साथ तेरा पाने को
दिल से तेरे दिल मिलाने को
आया हूँ लेकर गुलाब तेरे बालों में सजाने को
आ जा गले से लगा ले अपने इस दीवाने को


काँटों में गुलाब की तरह खिलना है जिन्दगी,
गैरों से भी अपनों की तरह मिलना है जिन्दगी।



हर पल खूबसूरत लगता है आजकल,
गुलाब में एक चेहरा दिखता है आजकल।





काटें तो आने ही थे हमारे नसीब में
हमने यार भी तो गुलाब जैसा चुना था


बुरी सरिश्त न बदली जगह बदलने से !!
चमन में आ के भी काँटा गुलाब हो न सका 



उनकी जुल्फों की खूबसूरती और बढ़ गई,
जब एक गुलाब उनके बालो में सज गई.,




तुम्हारी अदा का क्या जवाब दूँ
क्या खूबसूरत सा उपहार दूँ
कोई तुमसे प्यारा गुलाब होता तो लाते
जो खुद गुलाब है उसको क्या गुलाब दूँ



कोई तुमसे प्यारा गुलाब होता तो लाते !!
जो खुद गुलाब है उसको क्या गुलाब दूँ !!



मेरी बेचैनियों का कुछ यूँ हिसाब रखना,
कि हर हिचकी पर तुम इक गुलाब रखना.



आज भी वो गुलाब मेरी किताब में है
जो गुलाब तूने मुझे गिफ्ट में दिया था



तुम रखा करो कोशिश यूं ही गुलाब सा खिलने की,
इस दिल में रहेगी ख्वाहिश तुमसे बार-बार मिलने की।



आज दिल चाहता है तुझे गुलाब से सजा दूं,
प्यार सारा तुझ पर लुटा दूँ,
आकर तेरी जुल्फों के सायें में, सारी दुनिया को भुला दूँ.,




आज दिल चाहता है तुझे गुलाब से सजा दूं
प्यार सारा तुझ पर लुटा दूँ
आकर तेरी जुल्फों के सायें में सारी दुनिया को भुला दूँ


ना जाने कितनी दिलो को जोड़ देगा आज,
डाली से टूटकर वो एक फूल गुलाब का।



तेरे बगैर किसी और को देखा नही मैंने,
सूख गया तेरा गुलाब मगर फेका नहीं मैंने।




बड़े ही चुपके से भेजा था मेरे महबूब ने मुझे एक गुलाब
कम्बख्त उसकी खुशबू ने सारे शहर में हंगामा कर दिया



बेनकाब यूँ टहला ना करों गुलशन में तुम कभी जो देखेंगे 
तुझे गुलाब ज़िन्दगी की दुआ देंगे..



काटें तो आने ही थे हमारे नसीब में,
हमने यार भी तो गुलाब जैसा चुना था.





रोज रोज रोज डे आये फिर तू मेरे लिए गुलाब लाये
इसी बहाने से सही तू मुझसे मिलने तो आये



अगर मेरे पास आपके बारे में सोचने के लिए
हर बार एक गुलाब होता, तो मैं जीवन भर
आपके लिए गुलाब तोड़ता रहता।



तेरे हाथों में इतराता हैं गुलाब किसमत पर तेरे साथ कुछ गुनगुनाती हो फिज़ा भी जैसे..





गुलाब की पंखुड़ियां भी आज तबाह हो जाएंगी
किसी के प्यार के खातिर फना हो जाएंगी


मेरा प्यार दो हिस्सों में बंटे हुए गुलाब की तरह है,
पत्ते मैं दूसरों को देता हूं, लेकिन गुलाब मैं तुम्हें देता हूं।



मेरी जिन्दगी गुलाब की तरह खिल जाती,
अगर ‘मोहब्बत’ के बदले ‘मोहब्बत’ मिल जाती.



चेहरा आपका खिला रहे गुलाब की तरह,

नाम आपका रोशन रहे आफताब की तरह,

ग़म में भी आप हँसते रहे फूलों की तरह,

अगर हम इस दुनिया में न रहें आज की तरह।



मैं तुम्हारे लिए प्यार का गुलाब लेकर आया हूं,

और तुमने मुझे उनके कांटों के साथ ताज पहनाया है।



भेजा था चुपके से हमने एक गुलाब उसे कमबख्त

 खुशबू ने शहर में हंगामा मचा दिया..!



गुलाब के फूल को तोड़ा नहीं जाता

और अपनी जान को अकेला छोड़ा नहीं जाता.



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