Best New Tanhai Shayari in Hindi 2025 | तन्हाई शायरी 2 लाइन

 

Tanhai Shayari - फ्रेंड्स कभी ना कभी ऐसा वक्त आता है जब आदमी तनहा  महसूस करने लगता ये तभी होता है जब प्रेम में उसे कोई अकेला या तनहा छोड़ कर कोई चला जाता है प्यार में बहुत बुरा लगता है लोग सब से अलग होकर तन्हाई में जीने लगते है अगर आप भी प्यार में तन्हाई के सहारे जी रहे है ये शायरी आपके लिए है हमने इसमें तन्हाई शायरी और तन्हाई शायरी इमेजेस पोस्ट कर राखी है आप ये शायरी अपने व्हाट्सप्प और इंस्टाग्राम में स्टोरी लगा सकते है 



तन्हाई ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है
 ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है



मैं तन्हाई को तन्हाई में तनहा कैसे छोड़ दूँ ?
इस तन्हाई ने तन्हाई में तनहा मेरा साथ दिए है.



तन्हाई की आग में कहीं जल ही न जाऊँ,
के अब तो कोई मेरे आशियाने को बचा ले

Tanhai Shayari



हर वक़्त का हँसना तुझे बर्बाद ना कर दे,
तन्हाई के लम्हों में कभी रो भी लिया कर।



मैं अपनी तन्हाई को सरेआम लिखना चाहती हूं
मेरे महबूब तेरे दिये जख्म को लिखना चाहती हूं.


ठोकर खाया हुआ दिल है मैडम,
भीड़ से ज़्यादा तन्हाई अच्छी लगती है।

Tanhai Shayari in Hindi



अपनी तन्हाई में खलल यूँ डालूँ सारी रात…
खुद ही दर पे दस्तक दूँ और खुद ही पूछूं कौन



ठोकर खाया हुआ दिल है मैडम,
भीड़ से ज़्यादा तन्हाई अच्छी लगती है।


तन्हाई मे तुम्हारी कमी ज्यादा महसूस होती है,
क्या करें इश्क की तासीर ही ऐसी होती है।


Tanhai Shayari two line



बस वही जान सकता है मेरी तन्हाई का आलम,
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है



मुझे महसूस होती है छुअन तेरी ओठों की,
तुम तन्हाई में मेरी तस्वीर चूमती हो क्या। 



अब तो याद भी उसकी आती नहीं,
कितनी तनहा हो गई तन्हाईयाँ


Tanhai Shayari for girl




बस वही जान सकता है मेरी तन्हाई का आलम,
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है।


ये उदास_रातें मेरी तन्हाई को मुकाम पे ले आती हैं कि
मुझे तुम एक तुम फिर तुम और बस तुम याद आते हो।



शाम-ए तन्हाई में इजाफा बेचैनी,
एक तेरा ख्याल न जाना एक दूसरा तेरा जवाब न आना

Main or meri Tanhai Shayari




इस तन्हाई का हम पे बड़ा एहसान है साहब
न देती ये साथ अपना तो जाने हम किधर जाते 



ख्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है,
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है।


बैठा हूं एक तेरी यादों के सहारे..
अब मेरी तन्हाई बस तुझे पुकारे..



मेरी जुदाई को इस ज़माने मैं ना देख पाया कोई
मेरे सिवा बैठ कर तनहाई मैं ना रोया होगा कोई।।


तन्हाई की आग में कहीं जल ही न जाऊँ,
के अब तो कोई मेरे आशियाने को बचाले




जिनके पास होती है उम्र भर की यादें
वह लोग तन्हाई में भी तन्हा नही होते



तन्हाई की आग में कहीं जल ही न जाऊँ, 
के अब तो कोई मेरे आशियाने को बचा ले



जो रूह की तन्हाई होती है न 
उसको कोई ख़त्म नहीं कर सकता



मैं तन्हाई को तन्हाई में तन्हा कैसे छोड़ दूँ
इस तन्हाई ने तन्हाई में तनहा मेरा साथ दिए है!


जो रूह की तन्हाई होती हैं ना, 
उसको कोई ख़त्म नही कर सकता




तनहाई के झूले झूलोगे हर बात पुरानी भूलोगे
आईने से तुम घबराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जायेगा



तुझ पे खुल जाती मेरे रूह की तन्हाई भी, 
मेरी आँखों में कभी झांक के देखा होता।।



ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है
ऐसी तन्हाई कि मर जाने को जी चाहता है!



मुझे तन्हाई की आदत है मेरी 
बात छोड़ो तुम बताओ कैसी हो


अब तो याद भी उसकी आती नहीं
कितनी तनहा हो गई तन्हाइयाँ है




मुझे तन्हाई की आदत है

मेरी बात छोडो, तुम बताओ कैसी हो 



मेरी तन्हाई को मेरा शौक न समझना बहुत 

प्यार से दिया है ये तोहफा किसी ने



खौफ अब खत्म हुआ सबसे जुदा होने का

अपनी तन्हाई में हम अब मसरूफ बहुत रहते हैं

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