New Dikhawa Shayari in Hindi 2024 | Dikhawa shayari on life
जो भी दिखावा करते है उनकी असलियत
एक न एक दिन सामने आ ही जाती है
दिखावा तो यहां आजकल हर शख्स करता है
मुझे तो वो चाहिए जो मेरी सादगी पर मरता है
दिखावटी यह जमाना है दिखावटी सपने बुनता है
दिखावटी चेहरो पर दिखावटी मुखड़ा ही खिलता है
हम अब उनके साथ बैठ नहीं सकते
दिखावा करते करते हम अपने आप को भूल गए थे
दिखावे की मोहब्बत का बाज़ार चलता है यहाँ
सच्चे एहसास रोज खुदखुशी करते है
तुम झूठ कहना हम सच मान लेगे
तुम हमदर्दी का दिखावा करना
हम उसे मोहब्बत समझ लेगे
जो भी दिखावा करते है, उनकी असलियत
एक न एक दिन सामने आ ही जाती है
किसी चीज का दिखावा करना हमें नहीं आता,
लोगों से झूठ बोलना हमें नहीं आता
इतना भी दिखावटी मत बन इंसान की
हकीकत से तू कभी मिल ही ना सके
जो दिखावा करते है, उन पर कभी भरोसा मत करना
नकली नकली सा लगने लगा है ये जमाना
दिखावे का कितना बढ़ गया है फ़साना
दिखावे की दुनिया में दिखाते ही रह गये
जो सादगी में थे वो हमसे आगे निकल गये
इस दिखावे की दुनिया में मोहब्बत ना दिखा
तेरी फितरत में आज भी मतलब का खंजर होगा
इस दुनिया में हर तरह के लोग है, कोई दिखाने
के लिए खाता है, और कोई खाने के लिए दिखता है
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