Chai Shayari ☕ दोस्तों हमारे देश में चाय के शौकीन आप को इतने मिलेंगे आप सोच भी नहीं सकते हमारे देश में लगभग 70% लोग चाय लवर है किसीका दिन बिना चाय के पूरा नहीं होता तो किसका बिना चाय सिर दर्द नहीं जाता है दिन भर में 4 से 5 बार चाय तो जरूर पी लेते है अगर आप भी चाय लवर है तो हम आपके लिए लेकर आये है Chai Shayari जो आपको पसंद आएगी हमें इसमें शानदार Chai Shayari images भी डाल राखी है जो आपको पसंद आएगी
सुबह फिर मेरी चाय ज्यादा मीठी हो गई,
तुम यूं बार-बार मुझे याद न आया करो
इक चाय सा नशा है तुझमे भी यारा,
सुबह होते ही तुमारी तलब लग जाती है !
इश्क में दर्द का होना लाजमी है,
क्योंकि बिना चीनी की चाय फीकी लगती है !
Chai Shayari
मन के थकान को दूर करती है चाय,
स्वाद बढ़ जाएँ अगर आपके हाथो से मिल जाएँ !
सुबह फिर मेरी चाय ज्यादा मीठी हो गई,
तुम यूं बार-बार मुझे याद न आया करो।
हाथ में चाय और यादों में आप हो,
फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो।
Chai Shayari in Hindi
ये जो चाय से इतनी मोहब्बत है,
कसम से ये सब तुम्हारी बदौलत है !
चाय की चुस्की के साथ अक्सर कुछ गम भी पीता हूं,
मिठास कम है जिंदगी में मगर जिंदादिली से जीता हूं।
यादों में आप और हाथ में चाय हो,
फिर उस सुबह की क्या बात हो।
Chai par Shayari
हाथ में चाय और यादों में आप हो.
फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो..
जब सुबह-सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं,
लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।
ये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानो,
हर एक घूँट में एक अलग ही नशा है।
Chai Par Shayari 2 Line
हलके में मत लेना तुम सावले रंग को,
दूध से कहीं ज्यादा देखे हैं शौकीन मैंने चाय के !
दूध से कहीं ज्यादा देखे है
मैंने शौक़ीन चाय के…!!
सुनो तुम चाय अच्छी बनाती हो
पर मुंह बनाने में भी तुम्हारा कोई जवाब नहीं
Chai ki Shayari
सुबह की चाय और इश्क दोनों एक जैसे हैं,
हर बार वही नयापन और हर बार वही ताजगी।
बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से गरम करने
चाय ठंङी होती गई और आंखें नम।
हम तुम शायरी और एक कप चाय,
ख्वाब भी देखो जान मेरे कितने हसीन है..
किसको बोलूँ हेलो और किसको बोलू हाय,
हर टेंशन की एक ही दवा है अदरक वाली चाय !
सुबह की चाय और इश्क दोनों एक जैसे हैं,
हर बार वही नयापन और हर बार वही ताजगी।
जीभ जलने पर जब चाय छोडी नही जाती,
तो दिल ज़लने पर इश्क क्या खाक छोड़ेंगे…..
एक तेरा ख़्याल ही तो है मेरे पास..
वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है..
कुछ इस तरह से शक्कर को बचा लिया करो,
चाय जब पीओ हमें जहन में बिठा लिया करो।
ये सवेरा मेरा चाय से शुरू जरूर होता है,
पर मेरी शाम तेरी याद में ही गुजरती है।
मिलों कभी चाय पर फिर कोई किस्से बुनेंगे,
तुम खामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे !
यादों में आप और हाथ में चाय हो,
फिर उस सुबह की क्या बात हो।
हाथ में चाय हो यादो में आप हो,
फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो।
ये सवेरा मेरा चाय से शुरू जरूर होता है,
पर मेरी शाम तेरी याद में ही गुजरती है।
जब सुबह सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं
लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।
जब सुबह-सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं,
लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।
चाय के बाद दूसरा रंग तुम्हारा है,
जो मुझे साॅवला अच्छा लगता है…!
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