15+ Narazgi Shayari in Hindi | नाराजगी शायरी 2 लाइन
मुझसे यूँ नाराज़ ना रहा करो,
तुम्हारे बिन जी पाए,
इतना मज़बूत नहीं है ये दिल मेरा
नाराजगी वहाँ मत रखिएगा मेरे यार,
जहाँ आपको खुद बताना पड़े ... आप नाराज हैं
सितम सारे हमारे, छाँट लिया करो,
नाराज़गी से अच्छा है, डाँट लिया करो
कमरा ही नहीं मेरी पूरी ज़िन्दगी ही नाराज़ है मुझसे
जहाँ नाराजगी की कद्र न हो
वहाँ नाराज होना छोड़ देना चाहिये
आज कुछ लिख नही पा रहा
,शायद कलम को मुझसे नाराजगी है
किसी को मनाने से पहले यह अवश्य जान लें
कि वो तुमसे नाराज है या परेशान
बेशक मुझपे गुस्सा करने का हक़ है तुम्हे
पर नाराजगी में हमारा प्यार मत भूल जाना
नाराजगी भी बड़ी प्यारी सी चीज है,
चंद पलो मे प्यार को दुगुना कर देती हैं
नाराज़गी में ही सही, लेकिन वो हम से दूर हो गए
कुछ रिश्ते ख़ामोशी और नाराज़गी के चलते बच जाते है इस दुनिया में
इंसान की हर बात खामोशी से मान लेना
यह भी अंदाज़ होता है नाराज़गी का
नाराजगी किसी से नहीं बस कुछ लोग
मन से ऐसे उतरे की अब दिखते ही नही
अगर तेरी नाराज़गी, तेरी मजबूरी है, तो रहने दे, मुझे मानना नहीं जरुरी है
कुछ लिखूं कैसे, दिलो दिमाग पर तुम बैठी हो
मैं आज काम पर कैसे जाऊं, नाराज़ हो कर तुम बैठी हो
ना आँखों में चमक ना होंठों पर कोई हलचल है ,
तेरी नाराजगी का ऐसा असर है कि अब तो गम हर पल है
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