Best khuda Shayari in Hindi | इश्क खुदा शायरी

Best khuda Shayari in Hindi | इश्क खुदा शायरी

 

Best khuda Shayari in Hindi | इश्क खुदा शायरी




हवा खिलाफ थी लेकिन चिराग भी खूब जला
खुदा भी अपने होने का क्या क्या सबूत देता है




बस ये कहकर टाँके लगा दिये उस हकीम ने कि
जो अंदर बिखरा है उसे खुदा भी नहीं समेट सकता




वो खुदा ही है जो एक सजदे से अपना बना लेता है
वरना ये इंसान तो जान लेकर भी राज़ी नहीं होते



सजदे भले ही हों किसी के नाम से
पर मेरे ख़ुदा तो सिर्फ तुम ही हो




उदास बच्चे के आंसू में रह गया खोकर
जो कह रहा था मुझको खुदा नहीं मिलता





खुदा महफ़ूज़ रक्खे हम को इन तीनों बलाओं से
वकीलों से,हकीमों से,हसीनों की निगाहों से



तूझे इश्क हो खुदा करे, कोई तूझेको उससे जुदा करे
तेरे लब हंसना भूल जायें,और तेरी आंख पुरनम रहा करे


खुदा को भूल गए लोग फ़िक्र-ए-रोज़ी में
तलाश रिज्क की है राजिक का ख़याल नहीं



खुदा को ना मान कर काफिर हूं मैं,
जैसे बिना मंजिलों का मुसाफिर हूं मैं




नजर नमाज नजरिया , सब कुछ बदल गया
एक रोज इश्क़ हुआ और खुदा बदल गया


दिल भी तूने बनाया और नसीब भी ए खुदा
फिर वो क्यों दिल में है जो नसीब में नहीं




मोहब्बत कर सकते हो तो खुदा से करो
मिट्टी के खिलौनों से कभी वफ़ा मिलती नहीं



वो आए घर में हमारे ख़ुदा की क़ुदरत है
कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं



न था कोई हमारा न हम किसी के हैं
बस एक खुदा है और हम उसी के हैं



मुझ को ख़्वाहिश ही ढूढ़ने की न थी
मुझ में खोया रहा ख़ुदा मेरा



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